मैं फिर लिखना चाहता हूँ,
सुन्दर कविता !!
फिर लिखने से पहले,
रुक जाता हूँ ये सोचकर-
क्या तुम फिर वापस आओगी ??
पहनोगी मेरे शब्दों के लिबास,
सुहाग की लाल साड़ी उतारकर ..
क्या sajaogi अपनी मांग मे-
मेरा शब्द सिन्दूर,
सुहाग की लाल रोली निकाल कर ॥
मेरा मन है लिखूं सुन्दर कविता,
तो क्या ! ? तुम फिर वापस आओगी ॥
kya पहनोगी मेरी धडकनों के-
jhanakte नुपुर,
अपनी सुहाग कि पायलें उतार कर॥
मेरी शब्द बाहें पड़ते ही utaarni होगी-
स्वर्ण मेखला,
सुहाग का मंगल सूत्र ॥
क्या तुम वापस आओगी !!?
पूछता है मन,क्यूंकि
में फिर लिखना चाहता हूँ,
एक सुन्दर कविता ..
9 comments:
अति सुन्दर कविता राकेशजी
राकेश जी
सुन्दर तथा भावपूर्ण कविता। पर अतीत केवल सपनों में ही लौटाया जा सकता है। शुभकामनाओं सहित
बहुत बढ़िया. लिख तो ली.
aap ki sarahna ke lie bahut dhanyabad
Browser in Hindi
HTTP in Hindi
Selfie in Hindi
Modem in Hindi
DBMS in Hindi
HTML in Hindi
Email in Hindi
Multimedia in Hindi
WWW in Hindi
GPS in Hindi
RAM in Hindi
RAM Full Form
Firewall in Hindi
Data Communication in Hindi
Motherboard in Hindi
Phishing in Hindi
Computer Virus in Hindi
Input Devices in Hindi
Android in Hindi
Intranet in Hindi
Internet in Hindi
Computer in Hindi
Apple in Hindi
Too Good Information Sir
Good information nice
Post a Comment