कोई पूछता नही है, पर मैं कह देता हूँ एक कविता मुझ पर !!!
लिखना है, तो लिख दो,
ऑफिस की बॉक्स फाइलों पर,
सफ़ेद दीमक की कविता,
चाहो तो लिख दो,
हांफते मजदूरों पर कविता,
अगर लिखना है मुझ पर,,
तो लिख दो आंसुओं पर कविता॥
कविता लिख दो, घडे में,
पड़े चुल्लू भर पानी पर,
खाली बैंक खातों पर,
उधेड़बुन पर कविता,
उलझनों पर कविता,
अगर लिखना है मुझ पर,
तो लिख दो आंसुओं पर कविता॥
क़र्ज़ को फ़र्ज़ समझ ,
उसे चुकाने पर कविता,
अपनों की बातो मे,
उलझ जाने पर कविता,
कविता मुझ पर लिखना हो,
तो लिख दो.....
खाली कलमदावातों पर कविता॥
झूठी दी गई,
सौगातों पर कविता,
रूठी किस्मत पर कविता,
रौनी सूरत पर कविता,
अफसरशाही की,
हांजी,हांजी पर कविता,
चुन लो चाहे जो,
लिखना होगी हर,
कलम सिपाही को,
मुझ पर कविता॥
घुट जाने पर कविता,
मिट जाने पर कविता,
फिर भी सर उठाने पर कविता,,
खीझ कर तंत्र पर गरियाने पर,
आक्रोश मे खलबला जाने पर,
कविता, mutthiya bheen
11 comments:
सही है, परन्तु ये विषय बहुत कठिन हैं।
घुघूती बासूती
बहुत सही तरीक़े से सब बयाँ कर दिया।
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चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें
वाह आपने बहुत हू सुंदर कविता लिख डाली अपने पर,अच्छा लगा पढ़ कर..
धन्यवाद इतने अच्छे विषय से रूबरू कराया आपने.
umda kavita !
hmmmm..itane jatil ho tum....! tumhe likho to itne vishayo ko chunana padega ....! :) :)
achchha likha..bahut achchha...!
aur haN title bhi de do kuchh...!
उसने माँगा है मुझे,
अगले जनम के लिए,
क्या सौगात दूँ,इस बात पर,
अपने सनम के लिए॥
aapki ye kavita acchi lagi ....!!
bhut kuch khti hai ye kavita .
ji, shukriya!!!!!!!!
Sundar Kavita.
Is bar Pakhi ke blog par dekhen nai Photo.
बहुत बधाई
अपने काफी अच्छी कवितायेँ लिखी
लेकिन आप इसे रेगुलर लिखे.....
Likhna khud ko saaf karna hota hai...
Neelesh Jain, Mumbai
http://www.yoursaarathi.blogspot.com/
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