तेरे खोने से बस फर्क इतना है
मैं भी खोया हुआ सा रहता हूँ।।
मैं भी खोया हुआ सा रहता हूँ।।
रास्ते तेरे बिना सब दुर्गम हैं
मैं अब हारा हुआ सा रहता हूँ।।
मैं अब हारा हुआ सा रहता हूँ।।
तेरा जाना जैसे चिराग़ बुझ जाना
मैं अब स्याह अंधेरों में रहता हूँ ।।
मैं अब स्याह अंधेरों में रहता हूँ ।।
मुकम्मल हौसला होता ही नहीं
मैं तेरे दिए सबक सारे पढ़ता हूँ ।।
मैं तेरे दिए सबक सारे पढ़ता हूँ ।।
है कहीं तो आके थाम ले बावा
मैं बिखरा हुआ गुहार करता हूँ।।
मैं बिखरा हुआ गुहार करता हूँ।।
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